विश्व दुग्ध दिवस पर वेटरनरी विश्वविद्यालय द्वारा जागरूकता प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन

बीकानेर। विश्व दुग्ध दिवस पर शनिवार को वेटरनरी विश्वविद्यालय द्वारा राज्य के महाविद्यालयों और संस्थानों में पशुपालक जागरूकता, दुग्ध जांच और उसके महत्व पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। स्नातकोŸार पशुचिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान जयपुर में आयोजित कार्यक्रम में राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव (कृषि एवं पशुपालन) पवन कुमार गोयल ने कहा कि दूध की गुणवत्ता व मानव स्वास्थ्य पर इसके महत्वपूर्ण प्रभाव के प्रति समाज के विभिन्न वर्गो में जागरूकता उत्पन्न करने के लिये इस तरह के संवेदीकरण कार्यक्रम आवश्यक हैं।

वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विष्णु शर्मा ने कहा कि विश्व में भारत एक अग्रणी दुग्ध उत्पादक देश है। दुग्ध उत्पादन के साथ-साथ इसकी गुणवŸाा में सुधार की आवश्यकता है। दूध एक संतुलित और पूर्ण आहार है क्योंकि यह सभी आवश्यक अमीनो अम्ल, वसीय अम्ल, विटामिन्स की पूर्ति करता है। कार्यक्रम में राज्य के पशुपालन निदेशक डाॅ. शैलेष शर्मा ने कहा कि लोगों को मिलावटी दूध के दुष्परिणामों से अवगत कराने में पशुचिकित्सकों की भूमिका महत्वपूर्ण है।

अधिष्ठाता प्रो. संजीता शर्मा ने देशी नस्ल की गायों, भैसों तथा बकरियों में पाए जाने वाले ए-2 किस्म के दूध को स्वास्थ्य की दृष्टि से सबसे श्रेष्ठ बताते हुए उसके महत्व की जानकारी दी। कार्यक्रम पशुचिकित्सकों ने भी भागीदारी की। वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विष्णु शर्मा ने बताया कि विश्व दुग्ध दिवस द्वारा इस बार दी गई थीम “आज और प्रतिदिन दूध पीएं” विषय पर जागरूकता के लिए विश्वविद्यालय के सभी पशुधन अनुसंधान केन्द्रों पर पशुपालक जागरूकता गोष्ठियां और जिलों में स्थित पशुचिकित्सा प्रशिक्षण एवं अनुसंधान केन्द्रों पर दूध गुणवŸाा एवं सुरक्षा पहलू पर गोष्ठियों और दूध में थनैला के दुष्प्रभावों की जांच करके पशुपालकों को अवगत करवाया गया। वेटरनरी काॅलेज बीकानेर में एक लघु फिल्म का प्रदर्शन और वेटरनरी काॅलेज नवानियां (उदयपुर) में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए।