जाति के आधार पर अत्याचार के प्रकरणों में त्वरित कार्यवाही हो-गौतम

विभिन्न समीक्षा बैठकें आयोजित

बीकानेर। जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने कहा कि अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज प्रकरणों में प्रभावी तथा समयबद्ध रूप से अनुसंधान हो। गौतम ने गुरूवार को कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला स्तरीय सतर्कता समिति, आंतरिक सुरक्षा, महिला अविलम्ब सहायता, बाल कल्याण समिति सहित विभिन्न बैठकें ली। गौतम ने कहा कि जाति के आधार पर अत्याचार के प्रकरणों में त्वरित कार्यवाही हो।

यह सुनिश्चित किया जाए कि घोड़ी पर नहीं बैठने देने, बाल कटिंग नहीं करने और सार्वजनिक स्थानों पर प्रवेश नहीं करने देनी घटनाएं न हो। यदि कोई ऐसे किसी प्रकरण में शिकायतकर्ता पुलिस के पास आता है तो उसकी शिकायत को गंभीरता से लेते हुए पुलिस त्वरित कार्यवाही कर प्रकरण दर्ज करें और जांच करें। उन्होंने कहा कि दो माह से अधिक समय तक लम्बित रहे प्रकरणों में आईओ स्वयं बैठक में आए और प्रकरण लम्बित रहने के सम्बंध स्पष्टीकरण दें। उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि सामाजिक दबाव के कारण किसी पीड़ित को प्रकरण वापस ना लेना पड़े, ना ही पीड़ित समझौता करने के लिए मजबूर हो।

गौतम ने महिलाओं को अविलम्ब राहत देने की समीक्षा करते हुए सखी वन स्टाॅप सेंटर को पीबीएम अस्पताल के आस-पास कहीं अन्यत्र शिफ्ट करने के लिए प्रस्ताव भिजवाने को कहा। वर्तमान में सखी सेंटर में कार्यरत कार्मिक अपने कार्य के अतिरिक्त गायनी व महिला वार्ड में भी सेवाएं देंगे। उन्होंने कहा कि चिकित्सा अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि दुष्कर्म पीड़िताओं को मेडिकल प्रक्रिया के दौरान किसी प्रकार की परेशानी ना उठानी पड़े तथा उन्हें अनावश्यक रूप से इंतजार न करना पड़े।

जिला कलक्टर ने कहा कि पोक्सो एक्ट के तहत दर्ज प्रकरणों की काॅपी 20 घंटे में जिला कल्याण समिति को भेजी जाए। सभी पुलिस थानों में चाइल्ड डेस्क, चाइल्ड हेल्पलाइन रजिस्टर आदि का संधारण हो। ह्यूमन ट्रेफेकिंग यूनिट सही से काम करे। पुलिस बच्चों के अधिकारों के संरक्षण के लिए समिति के साथ सहयोग करते हुए बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए संवेदनशीलता से काम करे।

भिक्षावृति आदि से जुड़े बच्चों के पुनर्वास के लिए खुलेगा हाॅस्टल

जिला कलक्टर ने बताया कि जिले में भिक्षावृति व बाल श्रम आदि कारणों से शिक्षा से वंचित बच्चों को शिक्षा से जोड़ने और पुनर्वास के लिए हाॅस्टल खोला जाएगा। इसके लिए जिला कलक्टर ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को निर्देश दिए कि हाॅस्टल खोलने के लिए प्रस्ताव बना कर भेजें। इस कार्य में भामाशाहों तथा स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद ली जाए, ताकि ऐसे बच्चों के पुनर्वास के लिए प्रभावी कदम उठाए जा सके।

गैस प्लान्ट में हो सुरक्षा के उपाय

जिला मजिस्ट्रेट कुमारपाल गौतम ने कहा कि जिले में स्थित सभी गैस प्लान्ट पर सुरक्षा के संपूर्ण बंदोबस्त रहें, इसके लिए समय-समय पर अधिकारी अलग-अलग क्षेत्रों के गैस प्लान्टों का निरीक्षण करते रहें। इस दौरान प्लान्ट से जुड़े अधिकरियों को यह भी समझाईश करें कि जो कर्मचारी कार्यरत हैं, वे यहाँ धूम्रपान आदि न करें। साथ ही बाॅटलिंग प्लान्ट में समय-समय पर माॅक ड्रिल कर सुरक्षा के सभी उपायों को जाँचते रहें। उन्होंने कहा कि प्लान्ट में पानी की आपूर्ति व्यवस्थित रूप से हो, इसके लिए सभी इंतजाम होने चाहिए। अगर स्थान उपलब्ध है, तो जहाँ तक संभव हो सके प्लान्ट के अंदर ही ट्यूबवैल का निर्माण करावाया जाए।

गौतम ने कहा कि इसी तरह जिले में जो पीओपी फैक्ट्रियाँ कार्य कर रही हैं, वहाँ भी अग्निशमन यंत्र व्यवस्थित रूप से रहे, साथ ही यह भी सुनिश्चित करलें कि इन फैक्ट्रियों में लगने वाले कुछ अग्निशमन यंत्र तो स्वतःचलित होते हैं, जो कि आग लगने पर स्वतः ही कार्य करने लगते हैं, किन्तु पीओपी की गर्द से उनके सैंसर काम नहीं कर पाते हैं, अतः यह सुनिश्चित किया जाए कि ऐसे यंत्रों की समय-समय पर सफाई भी हो, ताकि दुर्घटना की स्थिति में स्वतः ही संचालित हो जायें और बड़ी दुर्घटना से बचा जा सके।

ओवरलोड वाहनों पर होगी कार्यवाही

जिला कलक्टर ने कहा कि ओवरलोड वाहनों के विरूद्ध पुलिस, खनि विभाग, प्रशासन तथा परिवहन विभाग के द्वारा संयुक्त अभियान चला कर प्रभावी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। विशेषकर खाजूवाला, कोलायत, पूगल तथा बज्जू के क्षेत्रों में चैक पोस्ट स्थापित किये जायेंगे और सघन अभियान चलाकर जिप्सम और बजरी के ओवरलोड वाहनों की धरपकड़ की जाएगी। उन्होंने कहा कि ओवरलोड वाहनों से राजस्व का नुकसान तो होता ही है, साथ ही सड़के भी क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। बैठक में पुलिस अधीक्षक प्रदीप मोहन शर्मा, अतिरिक्त जिला कलक्टर (शहर) शैलेन्द्र देवड़ा सहित सम्बंधित अधिकारी उपस्थित थे।