महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित

आंगनबाड़ी केन्द्रों के रिक्त पदों को भरने के निर्देश

बीकानेर। जिले में आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आ रहे बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए सार्थक प्रयास किए जाएं। इसके लिए रिक्त पदों को भरने और केन्द्रांे में बच्चों का नामांकन बढ़ाने की कार्यवाही की जाए। साथ ही गर्भवती और धात्री महिलाओं का पंजीकरण भी बढे़ इसके सकारात्मक प्रयास किए जाए। कलेक्ट्रेट सभागार में मंगलवार को महिला एवं बाल विकास विभाग की हुई समीक्षात्मक बैठक मंे जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने इस आशय के निर्देश दिए। उन्होंने जिले में कार्यरत आंगनबाड़ी केन्द्रों की ब्लॉकवार समीक्षा करते हुए कहा कि 47 आंगबाड़ी केन्द्रों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका व आशा सहयोगिनी के पद रिक्त होने के कारण इन केन्द्रों में जरूतमंदों को वांक्षित लाभ नहीं मिल पा रहा है। अतः उप निदेशक महिला एवं बाल विभाग रिक्त पदों को भरवाने की कार्यवाही करे।

उन्होंने सभी सीडीपीओं को निर्देश दिए कि क्रियाशील 1455 आंगनबाड़ी केन्द्रों में 0 से 3 वर्ष तथा 3 से 6 वर्ष आयु के बच्चों का आंगनबाड़ी केन्द्रों में नामांकन बढ़ाए। उन्होंने कहा कि सभी आंगनबाड़ी केन्द्र समय पर खुलने चाहिए और इनकी सघन मॉनिटरिंग की जाए। प्रत्येक सीडीपीओ प्रतिमाह अपने क्षेत्र के 50 आंगनबाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण करेंगे। बच्चों को जो पोषाहार दिया जा रहा है वह सही मात्रा और गुणवतापूर्ण है या नहीं, इस पर विशेष ध्यान दिया जाए। जून माह में जिला प्रशासन अपने स्तर पर आंगनबाड़ी केन्द्रों की जांच करवाएगा। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों के स्टॉक में अगर पोषाहार कम और गड़बड़ी पाई जाती है, संबंधित के विरूद्ध थाने में एफआईआर दर्ज करवाई जायेगी।

स्वच्छता पर ध्यान दिया जाए-जिला कलक्टर ने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्र व उसके आस-पास साफ-सफाई हो इसके लिए ग्राम पंचायत से सम्पर्क करंे। अगर ग्राम पंचायत इस पर ध्यान नहीं देती है,तो संबंधित विकास अधिकारी को इसकी रिपोर्ट करें। उन्होंने कहा कि जिन केन्द्रों में शौचालय नहीं बने है,उनकी सूची विकास अधिकारी दे ताकि शौचालयों का निर्माण करवाया जा सके। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों को मॉडल केन्द्र बनाकर उनमें बच्चों के लिए खिलौने,पाठ्य सामग्री सुलभ करवाई जाए। उन्होंने कहा कि पाठ्य सामग्री और खिलौने अगर अलमारियों में बंद मिलती है,तो संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी।

आंगनबाड़ी केन्द्रों हो निरीक्षण-जिला कलक्टर ने आंगनबाड़ी केन्द्रों की निरीक्षण रिपोर्ट की समीक्षा की और तय मानदण्डों के अनुसार निरीक्षण नहीं किए जाने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सभी सीडीपीओ प्रतिमाह 50 केन्द्रों का निरीक्षण करेंगे और आंगनबाड़ी केन्द्र के रजिस्टर पर अपना नोट लिखेंगे। उन्होंने नोखा,पांचू और बीकानेर शहर में सीडीपीओ द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रों के निरीक्षण को गंभीरता नहीं लिए जाने पर उन्हें सख्त हिदायत दी। उन्होंने सभी सीडीपीओ को निर्देश दिए कि वे अपनी महिला पर्यवेक्षक को भी इन केन्द्रों का निरीक्षण करने का लक्ष्य दें। उन्होंने कहा कि जो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और एलएस अपने कार्य के प्रति लापरवाही करता है, उसे हटाने की प्रक्रिया शुरू की जाए। कुपोषित बच्चों का हो चिन्हीकरण-जिला कलक्टर गौतम ने जिले में कुपोषित बच्चों की समीक्षा करते हुए कहा कि कुपोषित बच्चों का चिन्हीकरण किया जाए। अगर किसी गांव में कुपोषित बच्चा पाया जाता है,उसके परिवार को बच्चों को दिए जाने वाले पोषाहार के बारे में जानकारी दी जाए। घर-घर पहंुचकर कुपोषण के प्रति आमजन को सचेत किया जाए। साथ ही चिन्हित बच्चों को पोषाहार दिया जाए। बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग की उपनिदेशक शारदा चौधरी, सीडीपीओ राम प्रसाद हर्ष, शक्ति सिंह, सुभाष बिशनोई व राजेश आदि उपस्थित थे।