नारायण साईं को उम्रकैद की सजा

सूरत। खुद को स्वयं-भू भगवान बताने वाले बलात्कारी आसाराम के रेपिस्ट बेटे नारायण साईं को आखिरकार उसके कर्मों की सजा मिल ही गई। दुष्कर्म के एक मामले में गुजरात के सूरत स्थित एक निचली अदालत ने नारायण साईं को उम्रकैद की सजा सुनाई। दरअसल साल 2013 में एक महिला ने उसपर दुष्कर्म का आऱोप लगाया था। 26 अप्रैल को अदालत ने नारायण साईं को इस मामले में दोषी ठहराया था। 30 अप्रैल को आजीवन कारावास के अलावा अदालत ने नारायण साईं पर 1 लाख रुपया का जुर्माना भी लगया है। इस मामले में चार अन्य दोषियों को अदालत ने 10-10 साल जेल की सजा सुनाई और इन पर भी 5,000-5000 रुपए का जुर्माना लगाया।
इन धाराओं में मिली सजा : नारायण साईं को भारतीय दंड संहिता की धारा (376) दुष्कर्म, धारा (377) अप्राकृतिक यौनाचार, (323) हमला करने, धारा (506-2), आपराधिक धमकी देने और 120-B (साजिश रचने) के तहत सजा सुनाई गई है। नारायण साईं के सहयोगियों धर्मिष्ठा उर्फ गंगा, भावना उर्फ जमुना और पवन उर्फ हनुमान को भी अदालत ने साजिश रचने का दोषी पाया है। नारायण साईं के ड्राइवर राजकुमार उर्फ रमेश मल्होत्रा को धारा 212 के तहत दोषी पाया गया है।
गंगा और जमुना पर है यह आरोप : गंगा और जमुना पर पीड़ित को जबरदस्ती कैद करने और नारायण साईं की बात मानने के लिए मजबूर करने का आरोप है। गंगा और जमुना पर यह भी आरोप है कि उनलोगों ने पीड़ित का ब्रेनवॉश किया और उसे नारायण साईं के साथ शारीरीक संबंध बनाने के लिए तैयार किया। हनुमान पर पीड़ित को बहकाने और उसे साईं के कमरे में ले जाने का आरोप है। बता दें कि इस केस में सूरत पुलिस ने 1,100 पन्नों का चार्जशीट साल 2014 में दायर किया था।
यह है पूरा मामला : नारायण साईं के पिता आसाराम पर राजस्थान में एक लड़की के साथ दुष्कर्म करने के आरोप लगने के बाद साल 2013 में सूरत की रहने वाली दो महिलाओं ने भी आसाराम और उनके बेटे नारायण साईं पर यौन शोषण का आऱोप लगाया था। यह दोनों महिलाएं आपस में बहनें थीं। बड़ी बहन ने आसाराम पर आरोप लगाया था कि जब वो आसाराम के अहमदाबाद स्थित आश्रम में रहती थी तब आसाराम ने साल 1997 और 2006 के बीच उसके साथ बलात्कार किया। छोटी बहन ने आरोप लगाया था कि जब वो सूरत के जहांगीरपुरा स्थित आसाराम के आश्रम में रहती थी तब साल 2002-2005 के बीच नारायण साईं ने उसके साथ रेप किया था। नारायण साईं पर यह भी आरोप है कि उसने पीड़िता को जान से मारने की धमकी भी दी थी। पुलिस ने आरोपी नारायण साईं, गंगा, जमुना, हनुमान और अन्य 7 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। हालांकि एफआईआऱ दर्ज होने के बाद नारायण साईं कई दिनों तक पुलिस से छिपता फिरता रहा। आखिरकार 4 दिसंबर 2013 को नारायण साईं हनुमान और उसके ड्राइवर को हरियाणा के कुरुक्षेत्र के पास गिरफ्तार कर लिया गया था और तब से नारायण साईं जेल में ही है। सूरत सेशन कोर्ट के जज पीएस गढ़वी ने 19 अप्रैल 2019 को इस केस की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था और 26 अप्रैल को उसे दोषी ठहराया था। 47 साल का नारायण सांई 2013 से ही लाजपोर जेल में बंद है।