श्री मद्भागवत कथा व शतचंडी महायज्ञ का आयोजन

बीकानेर। श्री कृष्ण ने विश्व के समक्ष सात्विक जीवन एवम वास्तविक राजनीतिक आदर्शों को रखा जो आज भी प्रासंगिक है। करणी नगर लालगढ़ में आयोजित श्री मद्भागवत कथा,शतचंडी महायज्ञ एवं रासलीला के चौथे दिन ब्रह्मचारी श्रीधर प्रकाश जी ने के विचार व्यक्त किये। उन्होनें कहा कि धर्म की स्थापना एवं रक्षण करना मानव मात्र का कर्तव्य है इसलिए भागवत पुराण को जीवन मे आत्मसात करना चाहिए। उन्होनें कहा कि भारतीय वैदिक एवम पुरातन संस्कृति में धर्म की स्थापना व्वम इसकी रक्षा करने के विभिन्न मार्ग बतलाए गए हैं जिन पर चल कर ही इसकी सुरक्षा सम्भव है। दण्डी स्वामी सर्वेश्वरानन्द सरस्वती ने ब्राह्मण, क्षत्रिय एवम वैश्य को द्विज बताते हुए कहा कि इनकी जिम्मेदारी बहुत बड़ी है। उन्होनें कहा कि तीनों के लोगों को यगोपवीत धारण करके नियमित संध्या कर्म करने चाहिए।कार्यक्रम में राजपरिवार की प्रतिनिधि के रूप में सुश्री सिद्धि कुमारी ने उपस्थित हो कर सर्वेश्वरानन्द जी सरस्वती एवम श्रीधर प्रकाश जी ब्रह्मचारी से आशीर्वाद लिया।इस अवसर पर उन्होनें कहा कि इस क्षेत्र में इस कदर शतचंडी महायज्ञ कथा एवम रासलीला का आयोजन यहाँ के लोगों के लिए ऐतिहासिक है।विधायक ने इस अवसर पर कथा के कृष्ण जन्म महोत्सव के प्रसंग पर सबको बधाई दी।भागवत कथा में कृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया,बडी संख्या में श्रद्धालुओं ने नाच गा कर खुशियां मनाई और प्रसाद वितरण किया।इस दौरान ओम प्रकाश मखेचा द्वारा डेढ़ क्विंटल श्रीखण्ड के प्रसाद का वितरण किया गया।कार्यक्रम में आयोजन समिति की और से महेंद्र सिंह शेखावत,कमल सिंह गोहिल,जयनारायण गोयल ने बताया कि यज्ञ की परिक्रमा करने के लिए रोजाना बड़ी संख्या में लोग आते हैं।चांद कंवर,पुष्पा राठौड़ एवम सीमा शेखावत ने बताया कि कार्यकम में रंगारंग प्रस्तुतियां दी जा रही है।