श्रीलंका के राष्ट्रपति ने कहा- बदल देंगे पूरी सुरक्षा व्यवस्था और पुलिस

कोलंबो। श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने कहा कि वह ईस्टर संडे के हमलों से पहले मिली चेतावनी के बावजूद कार्रवाई करने में विफलता होने पर अब देश की खुफिया व्यवस्था और सुरक्षा तंत्र को जल्द से जल्द बदल देंगे। इन हमलों में 321 लोगों की मौत हो गई, जबकि 450 से अधिक लोग घायल हुए हैं। बताते चलें कि भारत ने तीन बार अलर्ट दिया था, जिसमें तीसरे अलर्ट में ज्यादा स्पेसिफिक जानकारियां थी और वह हमले से कुछ घंटे पहले ही दिया गया था। सिरिसेना ने कहा कि मैं आने वाले हफ्तों में पुलिस और सुरक्षा बलों का पूरी तरह से पुनर्गठन करूंगा। टीवी पर दिए एक भाषण में उन्होंने कहा कि अगले 24 घंटों के भीतर रक्षा प्रतिष्ठानों के प्रमुखों को बदलने की मुझे उम्मीद है। राष्ट्रपति ने कहा कि लोग सवाल कर रहे हैं कि एक मित्र पड़ोसी देश (भारत) से हमले के बारे में खुफिया जानकारियां दी थी, इसके बावजूद कार्रवाई क्यों नहीं की गई।
उन्होंने कहा कि खुफिया रिपोर्ट पाने वाले सुरक्षा अधिकारियों ने इसे मेरे साथ साझा नहीं किया। उस जानकारी पर उचित कार्रवाई की जानी चाहिए थी। मैंने इन अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का फैसला किया है। इन हमलों को लेकर पहला अलर्ट भारत ने 4 अप्रैल को ही दे दिया था। इसके बाद 11 अप्रैल को दूसरा अलर्ट दिया था, जिसमें संभावित ठिकानों के बारे में जानकारी थी। आतंकियों ने मोबाइल नंबर और पते तक बता दिए गए थे, लेकिन फिर भी बम धमाकों को टाला नहीं जा सका। हमले रविवार सुबह 8.45 बजे शुरू हुए। कोलंबो के तीन लग्जरी होटलों और तीन गिरजाघरों में एक साथ छह बम धमाके उस वक्त हुए, जब वहां ईस्टर सर्विस चल रही थी। देहिवाला चिड़ियाघर के पास एक छोटे से होटल में दोपहर में हुए एक अन्य धमाके में दो लोगों की जान चली गई थी। यह राजधानी से लगभग 10 किमी दूरी पर स्थित था। वहीं आठवां धमाका डेमाटागोडा की एक रिहायशी इमारत में हुआ, जिसमें पुलिस के तीन अधिकारियों की मौत हो गई। इनमें से ज्यादातर हमलों को आत्मघाती हमलावरों ने अंजाम दिया था।
इसके अलावा कई जगहों से भारी मात्रा में जिंदा बम मिले थे। स्टेट मिनिस्टर ऑफ डिफेंस रुवान विजेवारडेने ने संसद को बताया कि शुरुआती जांच से पता चला है कि श्रीलंका में रविवार हुए धमाके न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में दो मस्जिदों पर किए गए हमले का बदला लेने के लिए किए गए थे। इस मामले में अब तक श्रीलंका ने 40 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने बिना किोई सबूत दिए अपने मीडिया आउटलेट अमाक के जरिये इन बम हमलों की जिम्मेदारी ली थी। इस आतंकी संगठन ने बीते सालों में कई झूठे दावे किए हैं। हालांकि, बाद में अमाक ने आईएस और उसके नेता अबू बक्र अल-बगदादी के प्रति निष्ठा की शपथ लेते हुए श्रीलंकाई आतंकियों को दिखाने वाले वीडियो को जारी किया। फुटेज में आठ लोगों के काले आईएस बैनर के सामने खड़ा दिखाया गया है। इनमें सात नकाबपोश हैं, जबकि आठवें व्यक्ति का चेहरा दिख रहा है और वह अरबी भाषा में शपथ दिला रहा है।