क्या कोलायत में भीड़ के लिहाज से फ्लॉप शो ही साबित हुई राजनाथ की सभा ?

आचार्य ज्योति मित्र
श्रीकोलायत । बीकानेर लोकसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवार अर्जुनराम मेघवाल के पक्ष में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की कोलायत मुख्यालय पर आयोजित सभा फ्लॉप शो ही साबित हुई । जनाधार वाले नेता देवीसिंह भाटी के अर्जुन के विरोध में उतरने के बाद राजनाथ के नाम पर कोलायत में भीड़ इकट्ठा करने की कवायद सफल नही हुई । नतीज़तन भाजपा नेताओं के चेहरे पर मायूसी छा गई, वही बयानवीरों की पोल भी सामने आ गई ।सभा स्थल पर राजनाथ सिंह के पहुचने के बाद प्रत्याशी अर्जुनराम मेघवाल, नोखा विधायक बिहारी बिश्नोई, लूनकरणसर विधायक सुमित गोदारा, चुनाव प्रभारी दशरथ सिंह, महापौर नारायण चौपड़ा, भाजपा शहर अध्यक्ष सत्यप्रकाश आचार्य, लोकसभा संयोजक नंदकिशोर सोलंकी, सुरेन्द्र सिंह शेखावत, ताराचंद सारस्वत, अशोक भाटी आदि मौजूद थे लेकिन इनके चेहरे पर छाई मायूसी उम्मीद से कम पहुचने की कहानी बयां कर रही थी । सभा में राजनाथ ने अर्जुन की संसद में भूमिका की प्रशंसा की । उन्होंने बड़ा सोच रखते हुए अर्जुन को चुनावी नैया पार लगाने का आह्वान किया।


बीकानेर सीट पर फ़िजा इस बार काफी कुछ बदली बदली सी है । भाजपा ने अपने केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल पर पार्टीजनो के भारी विरोध के बावजूद दांव आजमाया है । वही कांग्रेस ने मदन मेघवाल जो कि अपनी भारतीय पुलिस सेवा की नौकरी छोड़कर भाजपा प्रत्याशी मेघवाल को कड़ी चुनौती दे रहे है । इन सबके बीच कद्दावर नेता देवीसिंह भाटी अर्जुन राम मेघवाल को प्रत्याशी बनाने के विरोध में पार्टी से इस्तीफा देकर खुलकर विरोध में उतर आए है । जानकार बताते है वे इस लोकसभा क्षेत्र की सभी विधानसभा सीटों पर खासा प्रभाव रखते है ।एस्ट्रोसिटी एक्ट के मुद्दे पर गत 2 अप्रेल 18 को हुए हिंसक दलित आंदोलन के लिए केंद्रीय मंत्री मेघवाल को जिम्मेवार मानने वाले भाटी ने बीकानेर पश्चिम व पूर्व विधानसभा क्षेत्र के दर्जनों वार्डो में मौजीज लोगो के साथ बैठके कर भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ की हवा बनाने का प्रयास कर रहे है। भाटी की इन बैठकों व नुक्कड़ सभाओ में आने वाली भीड़ भाजपा की चिंता को बढ़ा रही है ।भाजपा के मेघवाल के नामांकन के वक्त कलेक्टर कार्यालय के बाहर उनके समर्थकों ने काले गुब्बारे उड़ाकर विरोध जताया । इस वाकये ने अर्जुन की प्रकाश जावेडकर की मौजूदगी में काफी फजीहत करवाई । रही सही कसर सभा मे भीड़ न जुटने पर जावेडकर ने चुनाव संचालन करने वालो की क्लास ले डाली। राजनीति के पंडितो का कहना है कि ये विरोध इस चुनाव के नतीजों को खासा प्रभावित करेगा।


अपनी साफगोई के लिए जाने जाने वाले भाटी का मेघवाल पर यह आरोप भी लगाते है कि उन्होंने गत विधानसभा चुनाव में पार्टी के अधिकृत उम्मीदवारों की जमकर खिलाफत की थी। भाटी की यह बात भाजपा के नेताओँ व जनता के गले भी उतर रही है । भाटी तो पहले से ही विरोध का झंडा उठाए हुए है, वही पार्टी के कई पूर्व एवं वर्तमान विधायकों का अधिकांश कार्यक्रमो से दूरी बनाए रखना मतदाताओं में चर्चा का विषय बना हुआ है । खाँटी नेता भाटी के खुलकर विरोध में आने से कांग्रेस के खेमे में उत्साह का माहौल है । कांग्रेस को यह सीट निकालना आसान लग रहा है इस कारण मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कई बार बीकानेर आकर कार्यकर्ताओ व नेताओ को एक मंच पर ला चुके है ।


यहां उल्लेखनीय है कि देवी सिंह भाटी जमीन से जुड़े हुए नेता है। अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत के बाद लगातार चुनाव जीतने वाले भाटी राजस्थान के एकमात्र करिश्माई नेता है जिनका ब्राह्मणों, मुसलमानों, राजपूतों, पिछड़े वर्ग, आरक्षण से वंचित सहित अन्य वर्गों में खासा प्रभाव है । राजस्थान की राजनीति के जानकार बताते है कि शेखावत सरकार को बचाने के लिए जनता दल दिग्विजय का भाजपा में विलय करवाने में इस दबंग नेता की अहम भूमिका थी। भाटी ने 90 के दौर में सामाजिक न्याय मंच नाम से आरक्षण आंदोलन शुरू किया था। राजस्थान के लगभग हर जिले में उस दौर की रैलियों में उमडऩे वाली भीड़ ने राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक प्रेक्षकों का ध्यान अपनी ओर खींचा।


बहर हाल ताजा जंग में उनकी कार्यशैली राजनीतिक विरोधियों को कंफ्यूजन में डाल रही है। उल्लेखनीय है कि भाटी ने ही बीकानेर संसदीय सीट पर पहली बार भाजपा का कमल खिलवाया था। उनके पुत्र महेंद्र सिंह भाटी बीकानेर से पहली बार भाजपा के सांसद बने थे । पूर्व सांसद महेंद्र सिंह भाटी बीकानेर संसदीय क्षेत्र में युवाओं में खासा प्रभाव रखते थे।एक सड़क दुर्घटना में उनकी मृत्यु के बाद से युवा आज भी उनको भुला नहीं पाए हैं।
बहरहाल अपनों के विरोध के बावजूद अर्जुन राम के खेमे को यह विश्वाश है कि वे नमो मंत्र के सहारे ये सीट निकाल लेंगे।अर्जुन खेमे का यह विश्वास समय की कसौटी पर कितना खरा उतरेगा यह तो चुनाव परिणाम से ही पता चलेगा।